-डॉ दीपक कोहली-
आज संपूर्ण विश्व में कोरोना वायरस का प्रकोप अत्यंत चिंता एवं चर्चा का विषय
बना हुआ है। चीन के वुहान शहर से फैले घातक कोरोना वायरस ने अब तक 25
लोगों की जान ले ली है और करीब 800 से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं।
कोरोना वायरस या विषाणु की भयावहता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन
(डब्ल्यूएचओ) ने चीन में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है।
चीन के अलावा फ्रांस में दो, ऑस्ट्रेलिया में एक, थाईलैंड में चार ,जापान में दो,
दक्षिण कोरिया में दो, अमेरिका में दो ,वियतनाम में दो, सिंगापुर में तीन, नेपाल में
एक ,हांगकांग में पांच, मकाउ में दो और ताइवान में तीन कोरोनावायरस के मामले
सामने आए हैं।
कोरोना असल में वायरसों या विषाणुओं का एक बड़ा समूह है जो जानवरों में आम
है। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी के नीचे देखने पर यह वायरस कांटेदार वलय के रूप में
दिखाई देता है। इसकी इसी आकृति के कारण इसका नाम कोरोना वायरस पड़ा है।
इस वायरस में आरएनए का एक बड़ा स्ट्रैंड होता है। यह वायरस जीवित
कोशिकाओं में प्रवेश करके ही अपनी संख्या को बढ़ाता है।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना
वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स
वायरस की तरह है। इसके संक्रमण से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक
बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण
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भी बन सकता है। इसकी स्थिति मिडल ईस्ट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (एमईआरएस) और
सेवल एक्युट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (सार्स) से काफी मिलती जुलती है।
हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियो पून,
जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह संभवतः
एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार कोरोना वायरस ( CoV ) एक
जूनोटिक है। इसका मतलब है कि यह 2019-nCoV के जरिए जानवरों से मानव
में फैला है। माना जा रहा है कि 2019-nCoV सीफूड खाने से फैला था। लेकिन
अब कोरोना वायरस मानव से मानव में फैल रहा है। यह कोरोना वायरस से
संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। खांसी, छींक या हाथ
मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और
फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।
इस वायरस से मरने वालों की औसत उम्र 73 साल है । मृतकों में सबसे उम्रदराज
शख्स 89 साल का था जबकि सबसे कम उम्र के लिहाज से 48 साल के व्यक्ति की
मौत हुयी।
कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द
और बुखार शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता
वाले लोगों के लिए यह घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं।
निमोनिया, फेफड़ों में सूजन, छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना भी इसके लक्षण हैं।
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चीन के 20 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में कुल 1072 संदिग्ध मामले सामने आए हैं।
चीन ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाते हुए
वुहान सहित पांच शहरों को सील कर दिया था। चीनी नववर्ष के पहले सड़कों पर
भीड़भाड़ बढ़ने के मद्देनजर गाड़ियों, ट्रेनों और विमानों समेत आवागमन के
विभिन्न माध्यमों को रोक दिया गया था। इन शहरों में तकरीबन दो करोड़ लोग
रहते हैं।
अमेरीका में भी वायरस के संक्रमण का एक मामला सामने आया है। स्वास्थ्य
अधिकारियों का कहना है कि यह शख्स चीन के वुहान से अमरीका आया है।
सऊदी अरब में भारत की एक नर्स कोरोनावायरस से पीड़ित पाई गई है और
उसका इलाज सऊदी अरब में चल रहा है। यह वायरस चीन के शहर वुहान से
अलग है। पीड़ित नर्स और उसकी करीब 100 सहकर्मियों की जांच की गई थी।
इनमें से ज्यादातर नर्स केरल की हैं। भारतीय दूतावास ने यह स्पष्ट किया है कि
वह नर्स कोरोनावायरस-सीओवी से पीड़ित हैं। वह 2019-एनसीवो (वुहान) से पीड़ित
नहीं हैं। कोरोनावायरस-सीओवी के पहले मामले की पहचान सऊदी अरब में 2012
में हुई थी जबकि वुहान का कोरोना वायरस नोवेल वन यानी यह एकदम नया है।
कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है। न तो कोरोना वायरस ( CoV )
की कोई वैक्सीन बनी है और न ही 2019-nCoV की। इससे बचने का यही तरीका
है कि सावधानी बरती जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी
दिशानिर्देशों के अनुसार निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिएं-
1.मास्क पहनें।
2.अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें।
3.खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से
ढकें।
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4. जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचेें।
5. मीट और अंडों को अच्छे से पकाएं।
6. जंगल और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क न बनाएं।
चीन में तेजी से कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत के
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने थर्मल की स्क्रीनिंग की व्यवस्था भारत के 7 अंतर्राष्ट्रीय
हवाई अड्डों पर की है। मुख्यत: चीन से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग इन
हवाई अड्डों पर की जा रही है। यदि किसी भी यात्री में कोरोना वायरस के लक्षणों
की शंका होती है तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती करा कर इलाज किया जाता है।
जैसा कि कहा जाता है कि उपचार से सावधानी बेहतर है। इसी तथ्य को मद्देनजर
रखते हुए उपरोक्त विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाए गई सावधानियों को ध्यान
में रखते हुए हम घातक कोरोना वायरस के प्रकोप से बच सकते हैं।
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